राज्य आंदोलनकारियों को पिछले 10 महीने से रुकी पेंशन मिल गई है। आंदोलनकारी पेंशन के लिए तहसील और डीएम कार्यालय के चक्कर लगा रहे थे।
पेंशन न मिलने से प्रदेश के सैकड़ों राज्य आंदोलनकारी परेशान थे। उन्होंने बताया कि पेंशन को लेकर कई बार तहसील और डीएम कार्यालय में पूछताछ की गई, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। वहीं, सरकार ने बताया कि 243 राज्य आंदोलनकारी डबल पेंशन ले रहे थे। ऐसे आंदोलनकारियों की पेंशन रोक दी गई है।
अक्टूबर 2023 से नहीं मिली
पेंशन अन्य लोगों की पेंशन क्यों रोकी गई है, इसकी जांच कराकर पात्र लोगों को पेंशन जारी की जाएगी। शांति विहार कौलागढ़ निवासी किशन सिंह मेहता का कहना है कि वह सक्रिय राज्य आंदोलनकारी रहे हैं। अक्टूबर 2023 से उन्हें पेंशन नहीं मिली है।
हाल ही में अमर उजाला में राज्य आंदोलनकारियों का मुद्दा प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद आंदोलनकारियों के खातों में लंबित पेंशन जमा हो गई है। राम सिंह समेत कुछ अन्य आंदोलनकारियों ने भी लंबित पेंशन मिलने पर खुशी जताई है। प्रदेश में 11420 चिह्नित राज्य आंदोलनकारी हैं।
इतने राज्य आंदोलनकारियों को मिलती है इस श्रेणी की पेंशन
सामान्य श्रेणी में 7176 राज्य आंदोलनकारी, सात दिन जेल गए और घायल हुए 342 आंदोलनकारी और बिस्तर पर पड़े तीन राज्य आंदोलनकारियों को मिलती है पेंशन।
4500 से 20 हजार रुपये तक मिलती है पेंशन
राज्य आंदोलनकारियों को सरकार की ओर से हर महीने 4500 से 20 हजार रुपये तक पेंशन मिलती है। सामान्य श्रेणी के राज्य आंदोलनकारियों को हर महीने 4500 रुपये, सात दिन जेल गए और घायल हुए आंदोलनकारियों को 100 रुपये मिलते हैं। राज्य आंदोलनकारियों को 6000 रुपये तथा बिस्तर पर पड़े रहने वाले राज्य आंदोलनकारियों को 20 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं।