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देश के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा का उत्तराखण्ड से बहुत लगाव था और एक बार उन्होंने राज्य स्थापना दिवस पर सीएम आवास में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। रतन टाटा ऊधमसिंह नगर में इलेक्ट्रॉनिक हब भी बनाना चाहते थे, लेकिन उनके जीते जी उनका यह सपना अधूरा रह गया। केंद्र सरकार ने इस साल बजट में ऊधमसिंह नगर में टाटा की इलेक्ट्रॉनिक सिटी बनाने की घोषणा की थी।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि रतन टाटा ने अपना पूरा जीवन देश की औद्योगिक प्रगति और सामाजिक विकास के लिए समर्पित कर दिया। उनकी दूरदर्शिता, समर्पण और व्यावसायिक कौशल ने न केवल टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने रोजगार सृजन, समाज के सशक्तिकरण और नवाचार के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए। उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

वहीं डॉ. निशंक ने कहा कि रतन टाटा का उत्तराखंड से बहुत गहरा लगाव था। नैनो कार के लोकार्पण और उत्पादन के लिए रतन टाटा अक्सर उत्तराखंड आते थे। नौ नवंबर 2010 को राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में भी वह शामिल हुए थे। निशंक कहते हैं कि रतन टाटा की साहित्य, कला, संगीत, योग और ध्यान में गहरी रुचि थी, जब उनसे पूछा गया कि क्या वह इन सबके लिए समय निकालते हैं, तो रतन टाटा ने कहा कि वह काम के बाद बचे समय को इन सब में बिताते हैं। निशंक ने कहा कि रतन टाटा के निधन से देश ने एक अनमोल हीरा खो दिया है। उनका सपना था कि हर गरीब व्यक्ति सक्षम बने। वे जीवन भर देश को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए कृतसंकल्प रहे। देश उनके योगदान को कभी नहीं भूल सकता।