मनु भाकर ओलंपिक कांस्य पदक: पेरिस ओलंपिक-2024 के दूसरे दिन 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर देश को गौरवान्वित करने वाली मनु भाकर ने उत्तराखंड की राजधानी दून में निशानेबाजी के गुर सीखे हैं। ओलंपिक शुरू होने से पहले मनु को उत्तराखंड के गोल्डन ब्वॉय के नाम से मशहूर जसपाल राणा ने करीब डेढ़ महीने तक दून के पौंडा स्थित जसपाल राणा निशानेबाजी संस्थान में बनी शूटिंग रेंज में प्रशिक्षण दिया।
शूटिंग में भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली महिला एथलीट बनकर इतिहास रचने वाली मनु अक्सर प्रशिक्षण के लिए दून आती रहती थीं। गोल्डन ब्वॉय जसपाल राणा मनु के निजी कोच हैं। हरियाणा के झज्जर की रहने वाली मनु ने एयर पिस्टल स्पर्धा में 221.7 स्कोर के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।
उनके अलावा कोरिया की ओह ये जिन ने 243.2 स्कोर के साथ स्वर्ण पदक और किम येजी ने 241.3 स्कोर के साथ रजत पदक जीता। जसपाल राणा के पिता और उत्तराखंड राइफल एसोसिएशन के अध्यक्ष नारायण सिंह राणा ने बताया, ओलंपिक शुरू होने से पहले मनु ने शूटिंग रेंज में 12-12 दिन के दो कैंप में हिस्सा लिया था।
नारायण सिंह राणा ने बताया, कैंप के दौरान मनु ने सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाए रखी। वह थोड़े समय के लिए अपने दोस्तों और परिवार से बात करती थी और पूरा समय शूटिंग पर ही ध्यान देती थी। इस बीच जसपाल ने उसे पिस्टल रिपेयर करने के गुर भी सिखाए।
दरअसल, साल 2020 में हुए टोक्यो ओलंपिक में क्वालीफाइंग इवेंट के दौरान मनु की पिस्टल फंस गई थी और इस वजह से उसका प्रदर्शन भी प्रभावित हुआ था। ऐसे में इस बार ऐसी दिक्कतों से बचने के लिए उसे कैंप में खास ट्रेनिंग दी गई।
मनु की सफलता के बाद पूरे देश के साथ उत्तराखंड और खासकर संस्थान में दिनभर जश्न मनाया गया। उत्तराखंड राइफल एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष राजेंद्र राणा ने बताया कि देश के लिए पहला पदक जीतकर विदेशी धरती पर तिरंगा लहराने वाली मनु की इस सफलता से पूरे देश में खुशी का माहौल है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने मनु को बधाई देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
नारायण सिंह राणा का कहना है कि मनु ने जसपाल को तब चुना जब राज्य सरकार शूटिंग की बारीकियां सीखने के लिए कोच मुहैया नहीं करा पाई। इतना ही नहीं पेरिस ओलंपिक के लिए एक निजी कंपनी ने मनु और उनके कोच जसपाल को आर्थिक मदद भी मुहैया कराई। इसके बाद वह अक्सर दून आती रहीं।