इंडियन इंटरनेशनल स्टूडेंट एंड एलुमनी फेडरेशन (आईआईएसएएफ) यूके ने कुछ समय पहले लंदन में सम्मान समारोह आयोजित किया था।
नरेंद्र सिंह नेगी जी को 50 साल में लोक गीत-संगीत, संस्कृति को प्रोत्साहन और उनके योगदान के लिए भारतीय लोक गायन में विशिष्ट नेतृत्व के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया। यह सम्मान सिर्फ नेगी का नहीं बल्कि सभी उत्तराखंडवासियों का सम्मान है।
आईआईएसएएफ के अध्यक्ष आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि नेगी जैसे लोक कलाकर जो पांच दशक से अपनी बोली, संस्कृति और परंपरा को अपने गीतों के माध्यम से संरक्षित कर रहे हैं, उनको सम्मानित कर हम खुद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सम्मान समारोह में भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद, विभिन्न देशों के दूतावास के प्रतिनिधि शामिल हुए।
उत्तराखंड के लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी जी को ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ लॉर्ड्स में ग्लोबल ब्रिलिएंस अवार्ड (जीबीए) से सम्मानित किया गया। नरेंद्र सिंह नेगी जी ने यहां उत्तराखंडी संस्कृति की छाप छोड़ी और अपना प्रसिद्ध गीत ‘ठंडो रे ठंडो…’ गाया।
पहाड़ी टोपी और पारंपरिक परिधान में पहुंचे नेगीदा
ग्लोबल ब्रिलिएंस अवार्ड प्राप्त करने के लिए नरेंद्र सिंह नेगी पहाड़ी टोपी और उत्तराखंड के पारंपरिक परिधान पहनकर ब्रिटिश संसद में पहुंचे। उन्होंने अपनी वेशभूषा और गीत से सभी को मंत्रमुग्ध किया। लंदन दौरे में नेगी दा की पत्नी भी उनके साथ मौजूद रहीं।