बिजली उपभोक्ताओं पर 2500 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ पड़ने वाला है। यूजेवीएनएल ने मनेरी भाली जलविद्युत परियोजना 2 से जुड़े मामले में यूपीटीईएल के आदेशों को तत्काल लागू करने का दबाव बनाया है। यूजेवीएनएल ने इस पूरे मामले में विद्युत नियामक आयोग स्तर पर हो रही जन सुनवाई पर सवाल उठाए हैं। पत्र में साफ किया है कि हाईकोर्ट के फैसले को सीधे लागू करना है। इस पर सुनवाई नहीं हो सकती।
आयोग ने यूपीटीईएल के फैसले पर एक अक्तूबर को जन सुनवाई तय की है। इसमें यूपीटीईएल का फैसला सामने रखा जाएगा। इस फैसले से आम जनता पर पड़ने वाले असर की जानकारी दी जाएगी। आम जनता के साथ ही उद्योग और कारोबारियों से भी राय ली जाएगी। इस सुनवाई से पहले यूजेवीएनएल ने आयोग को लिखे पत्र में साफ किया है कि आयोग इस मुद्दे पर पहले भी सुनवाई करने के साथ ही फैसला दे चुका है। आयोग के इस फैसले को यूपीटीईएल ने चुनौती दी थी। यूपीटेल ने आयोग के फैसले को पलट दिया था। ऐसे में अपटेल के उसी फैसले पर दोबारा सुनवाई का कोई मतलब नहीं है। क्योंकि सुनवाई के बावजूद आयोग को अपटेल के फैसले को हर हाल में लागू करना है। कार्यवाहक अध्यक्ष एमएल प्रसाद ने कहा कि सुनवाई को लेकर यूजेवीएनएल की ओर से सवाल उठाए गए हैं, ऐसे में पूरे मामले को जनता के सामने रखना जरूरी है। इसलिए एक अक्टूबर को होने वाली सुनवाई यथावत रहेगी।
20 फीसदी महंगी हो जाएगी बिजली
अगर अपटेल का फैसला लागू होता है तो बिजली 20 फीसदी महंगी हो जाएगी। क्योंकि इस फैसले से यूजेवीएनएल को 851 करोड़ रुपये के साथ ही 351 करोड़ रुपये इक्विटी का मुनाफा भी मिलेगा। साथ ही पूरी रकम पर ब्याज और 2008 से इक्विटी के रिटर्न के रूप में 1600 करोड़ से ज्यादा की रकम मिलेगी। इस तरह यूजेवीएनएल को यूपीसीएल से टैरिफ के रूप में करीब 2500 करोड़ रुपये मिलेंगे। इस टैरिफ का सीधा असर बिजली दरों पर पड़ेगा। किस्तों में राहत संभव।
इस पूरे मामले से एक रास्ता यह है कि 2500 करोड़ रुपये की पूरी रकम एक साथ वसूलने के बजाय किस्तों में वसूल की जाए। ताकि आम लोगों पर एक साथ 2500 करोड़ रुपये का बोझ न पड़े। आयोग के पास अपटेल के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का दूसरा विकल्प भी खुला है।