तीर्थयात्रा सीजन के दौरान रुद्रप्रयाग शहर में लगने वाले जाम से बचने के लिए प्रशासन ने रुद्रप्रयाग-जवाड़ी बाईपास पर बनी सुरंग को वाहनों की आवाजाही के लिए अस्थायी रूप से खोल दिया है। इस परियोजना के तहत वर्तमान में अलकनंदा नदी पर एक पुल का निर्माण किया जा रहा है। इसके बनने से बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम जाने वाले यात्री वाहनों को रुद्रप्रयाग शहर से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा।
रुद्रप्रयाग-जवाड़ी बाईपास का निर्माण वर्ष 2004-05 में शुरू हुआ था। शहर में जाम की समस्या को देखते हुए तत्कालीन केंद्र सरकार ने रुद्रप्रयाग बाईपास के निर्माण को दो चरणों में मंजूरी दी थी। पहले चरण के कार्य वर्ष 2016 में पूरे हो गए, जबकि दूसरे चरण के कार्यों को काफी जोड़-तोड़ के बाद मंजूरी मिली और नवंबर 2022 में काम शुरू हो सका। इस साल दिसंबर तक काम पूरा होना है। इस बीच बाईपास पर 900 वाहन चल रहे हैं।
100 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण पूरा हो गया है और सोमवार को इसे वाहनों की आवाजाही के लिए अस्थायी रूप से खोल दिया गया है। यह सुरंग वैकल्पिक मार्ग के रूप में काम करेगी।
साथ ही यात्रा मार्ग पर लगने वाले लंबे जाम से भी निजात मिलेगी। बता दें कि यह सुरंग गौरीकुंड (केदारनाथ) हाईवे पर पीडब्ल्यूडी कॉलोनी को बेलनी के पास पोखरी मोटर मार्ग से जोड़ती है। परियोजना के तहत बेलनी में अलकनंदा नदी पर 90 मीटर लंबा पुल बनाया जा रहा है, जो बाईपास को बदरीनाथ हाईवे से जोड़ेगा। इसका काम तेज गति से चल रहा है। पुल बनने के दौरान रुद्रप्रयाग बाईपास पर यातायात सुचारू रहेगा। प्रशासन ने सुरंग के रखरखाव और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं, ताकि किसी भी तरह की असुविधा से बचा जा सके। उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि तीर्थयात्रियों को सुरक्षित, सुविधाजनक और अविस्मरणीय यात्रा का अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश में यात्रा मार्गों को चौड़ा करने, वैकल्पिक मार्ग तैयार करने और आपातकालीन व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।