Thu. Nov 21st, 2024

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को पाकिस्तान को उसकी ही धरती से परोक्ष संदेश देते हुए कहा कि अगर सीमा पार से आतंकी गतिविधियां संचालित होती रहेंगी तो व्यापार, ऊर्जा और संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ने की कोई संभावना नहीं है।

जयशंकर ने चीन को भी आड़े हाथों लिया। विदेश मंत्री ने कहा कि एससीओ सदस्य देशों का सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए। यह जरूरी है कि सभी देश क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता दें। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि विश्वास की कमी पर ईमानदार बातचीत जरूरी है। अगर समूह आपसी विश्वास के आधार पर एक साथ आगे बढ़ता है तो शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों को ज्यादा फायदा हो सकता है।

चीन को घेरा गया विदेश मंत्री ने इस्लामाबाद में एससीओ देशों के शासनाध्यक्षों की परिषद के 23वें शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। उन्होंने पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच चल रहे सैन्य गतिरोध और हिंद महासागर तथा अन्य रणनीतिक जलक्षेत्रों में चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति पर चिंताओं के बीच ये टिप्पणियां कीं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत

विदेश मंत्री ने कहा कि वैश्विक संस्थाओं को बदलावों के साथ तालमेल बिठाने की जरूरत है। उन्होंने सुधार के साथ बहुपक्षवाद की जरूरत को रेखांकित किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों के स्तर पर व्यापक सुधार की जरूरत पर भी जोर दिया।